- शिवोहम फाउंडेशन में ऋषि मुनि के ज्ञान से उच्च आधुनिक गर्भ संस्कार केंद्र स्थापित किया जाएगा। जिसका मुख्य उद्देश भारत वर्ष को दिव्य नई पीढ़ी का सर्जन है।
- भारतवर्ष के अंदर प्राचीन समय से ही मनुष्य के लिए 16 संस्कारों की बात की जाती है. इनमें से एक संस्कार है, गर्भसंस्कार का समय बच्चे के गर्भ में आने से लेकर लगभग 2 वर्ष तक का होता है. गर्भसंस्कार के अंतर्गत गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य और मस्तिष्क के विकास हेतु बहुत सारे कार्य किए जाते हैं।

- प्राचीन समय से ही गर्भ संस्कार का काफी महत्व समाज के अंदर रहा है, लेकिन आजकल लेटेस्ट रिसर्च और आधुनिक विज्ञान और मेडिकल साइंस के अंदर भी गर्भ संस्कार को मान्यता मिलने लगी है।
- हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका आने वाला बच्चा शारीरिक रूप से काफी मजबूत रहे. बच्चे का दिमाग भी तेज होना चाहिए, और बच्चा आगे चलकर संस्कारवान बने। इसलिए ज्यादातर मां-बाप अब गर्भ संस्कार को महत्व देने लगे हैं।
- गर्भ संस्कार एक ऐसी विधि है जिसके अंदर गर्भस्थ शिशु को इस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है कि बच्चा पैदा होने के बाद गुणवान और संस्कारी बने ।
- आजकल पेरेंट्स गर्भ में ही बच्चे को गुण और संस्कारी बनाने की थेरेपी ले रहे हैं. जी हां, एक्सपर्ट का मानना है कि गर्भसंस्कार विधि से बच्चे को गुणी और संस्कारी बनाया जा सकता है।
- भारत में प्राचीन समय से ही गर्भ संस्कार के नाम पर धार्मिक विधि विधान के साथ बच्चे को संस्कारी और गुणवान बनाने के लिए कार्य किए जाते रहे हैं. आप कह सकते हैं कि आजकल दी जाने वाली थेरेपी गर्भ संस्कार का वर्तमान रूप है।
- इतिहास में हमने महाभारत में अभिमन्यु का भी उदाहरण देखा है और श्रृंगी ऋषि द्वारा भगवान राम का भी अवतरण देखा है और आखरी में मां जीजाबाई और शिवाजी को भी देखा है।